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प्रथम राजभाषा कीर्ति पुरस्कार

यह अत्यंत गर्व की बात है कि बड़े विभागों की श्रेणी में, अंतरिक्ष विभाग को प्रथम राजभाषा कीर्ति पुरस्कार हेतु घोषित किया गया है। दिनांक 14 सितंबर 2017 को महामहिम राष्ट्रपति के करकमलों द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

नराकास, का.01 - द्वितीय पुरस्कार

राजभाषा कार्यान्‍वयन को बढ़ावा देने के लिए नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कार्यालय-1, बेंगलूरु द्वारा वर्ष 2016-17 के दौरान राजभाषा नीति के सर्वोत्‍कृष्‍ट कार्य निष्‍पादन के आधार पर बडे कार्यालयों की श्रेणी में इसरो उपग्रह केंद्र, बेंगलूरु को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। अध्यक्ष नराकास, का.01 के करकमलो से श्री मनोहर एल. वाणियर, वरिष्ठ प्रधान कार्मिक व सामान्य प्रशासन ने शील्ड प्राप्त किया एवं श्रीमती गीता प्रसाद ने प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।

नराकास - राजभाषा अधिकारियों की बैठक - 2017

आईज़ेक को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बेंगलूरु (का.1) का कार्यभार सौंपा गया है तथा 82 सदस्य कार्यालय इस समिति के अधीन हैं। डॉ. अण्णादुरै एम., निदेशक, आईज़ेक समिति के अध्यक्ष एवं श्रीमती गीता प्रसाद, हिन्दी अधिकारी को सदस्य सचिव के रुप में नामित किया गया है। श्री मनोहर एल. वाणियर, वरिष्ठ प्रधान कार्मिक व सामान्य प्रशासन की अध्यक्षता में दिनांक 16 जून 2017 को सदस्य कार्यालयों के राजभाषा अधिकारी/प्रतिनिधियों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान मुख्य रुप से इस बात पर बल दिया गया कि नराकास के तत्वावधान में राजभाषा कार्यान्वयन को उसके प्रगति के पथ पर ले जाने हेतु सक्रिय रुप से सभी सदस्य कार्यालयों को एकजुट होकर काम करें, ताकि राजभाषा को नराकास (का.1) के जरिए उसके उचित स्थान पर विराजमान करवाया जा सके।

नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, कार्यालय-01, बेंगलूरु की रिपोर्ट - 2017

राजभाषा विभाग के कार्यालय ज्ञापन, दिनांक 04 मई 2017 के अनुसार इसरो उपग्रह केंद्र (आईज़ेक), बेंगलूरु को नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, (का.01) का कार्यभार सौंपा गया। डॉ. एम. अण्णादुरै, निदेशक, आईज़ेक उक्त समिति के अध्यक्ष है एवं श्रीमती गीता प्रसाद, हिंदी अधिकारी, आईज़ेक समिति की सदस्य सचिव का कार्य भार संभाल रही हैं।

वर्ष 2017 की पहली बैठक इसरो उपग्रह केंद्र-आईज़ेक, बेंगलूर के सतीश धवन सभागृह में दिनांक 27 जुलाई 2017 को अपराह्न 2.30 बजे संपन्‍न हुई। डॉ. एम. अण्णादुरै, अध्‍यक्ष, नराकास (का.1) एवं निदेशक, इसरो उपग्रह केंद्र-आईज़ेक, बेंगलूरु ने बैठक की अध्‍यक्षता की। राजभाषा विभाग से श्री टेकचंद, उप निदेशक (कार्या), क्षेत्रीय कार्यान्‍वयन कार्यालय, राजभाषा विभाग, श्रीमती जानकी नायर, संयुक्‍त निदेशक, केंद्रीय अनुवाद ब्‍यूरो एवं श्री राजेंद्र कुमार शर्मा, सहायक निदेशक, हिंदी शिक्षण योजना भी बैठक में उपस्थित रहे।

डॉ. आलोक श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक, जी.आईसैट-2 ने आईज़ेक की तकनीकी गतिविधियों एवं राजभाषा कार्यान्वयन के क्रियाकलापों के बारे में पी.पी.टी. के जरिए प्रस्तुतीकरण दिया। श्रीमती नलिनी प्रकाश एम.एस., हिंदी अनुवादक ने ईश वंदना प्रस्तुत की।

श्री मनोहर एल. वाणियर, वरिष्ठ प्रधान कार्मिक व सामान्य प्रशासन, आईज़ेक ने मंचासीन अधिकारियों के साथ-साथ सभागार में उपस्थित कार्यालय प्रधानों एवं पदाधिकारियों का स्‍वागत किया। साथ ही उन्होंने निदेशक, एन.ए.एल. को अब तक नराकास के सुचारु संचालन हेतु आभार व्यक्त किया एवं डॉ. पी.एस.आर. मूर्ति, वरिष्ठ हिंदी अधिकारी, एन.ए.एल. को उनके सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए भी आभार प्रकट किया। आगे उन्होंने, राजभाषा के कार्यान्वयन को प्रगति के पथ पर ले जाने हेतु सभी सदस्यों के सहयोग के लिए आग्रह किया तथा उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि जो भी छोटे कार्यालय हैं और किसी कार्यक्रम के आयोजन या प्रायोजन में एवं हिंदी के प्रगामी प्रयोग के संबंध में कोई कठिनाईयों का सामना कर रहे हों तो यह समिति सदैव उनकी सहायता करने हेतु तत्पर रहेगी।

बैठक के दौरान श्रीमती गीता प्रसाद, सदस्य सचिव द्वारा कार्यसूची के मदों पर विस्तार से चर्चा की गई एवं नए प्रस्तावों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। श्री टेकचंद, उप निदेशक (कार्या.), क्षेकाका, राजभाषा विभाग ने विभिन्‍न सदस्‍य कार्यालयों से प्राप्‍त प्रगति रिपोर्टों की समीक्षा की तथा अनुपालन हेतु कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

श्री अनूप श्रीवास्तव, नियंत्रक, आईज़ेक ने सभा में उपस्थित सभी पदाधिकारियों से अपील किया कि हिंदी के प्रचार-प्रसार को केवल लक्ष्य प्राप्त करने तक ही सीमित न रखते हुए उसे दैनिक काम-काज एवं बोलचाल में सहज रुप से उसका प्रयोग करें, जिससे स्वतः हिंदी का प्रचार-प्रसार होगा और इससे लोगों में हिंदी के प्रति जागरुकता बढ़ेगी और लोगों में हिंदी के प्रति झिझक दूर होगी।

वर्ष 2016-17 के दौरान राजभाषा नीति के सर्वोत्‍कृष्‍ट कार्य निष्‍पादन के आधार पर कर्मचारियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सदस्य कार्यालयों को बड़े एवं छोटे में विभाजित करके निम्नलिखित कार्यालयों को अध्यक्ष, नराकास द्वारा शील्‍ड और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए

बड़े कार्यालय

राजभाषा शील्ड प्रशस्ति पत्र
1 सी.एस.आई.आर.- राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशालाएँ 1 डॉ. प्र.श्री मूर्ति, वरिष्ठ हिंदी अधिकारी, एस.जी.
2 इसरो उपग्रह केंद्र 2 श्रीमती गीता प्रसाद, हिंदी अधिकारी
3 भारतीय प्रबंध संस्थान 3 सुश्री नीता जॉन

छोटे कार्यालय

राजभाषा शील्ड प्रशस्ति पत्र
1 सॉफ्टवेयर टेक्‍नोलॉजी पार्क्‍स ऑफ इंडिया 1 श्रीमती शशिकला एन.एस., राजभाषा अधिकारी
2 क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यालय 2 श्री पी.के. त्रिपाठी, राजभाषा अधिकारी
3 विद्युत प्रणाली प्रशिक्षण संस्थान 3 श्री संजय डी. पाटील, राजभाषा अधिकारी

डॉ एम. अण्णादुरै, अध्‍यक्ष, नराकास ने राजभाषा शील्‍ड एवं प्रशस्ति पत्रों का वितरण किया और विजेता कार्यालयों को बधाई दी। उन्‍होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नराकास, (का.1) का कार्यभार हमें सौंपा गया है अतः सबको एक जुट होकर हमें अपने कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को और भी उच्च स्तर तक ले जाना है। आगे उन्होंने कहा कि राजभाषा विभाग से प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार ही नराकास की बैठकों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सदस्य कार्यालयों के प्रधानों से अपने-अपने कार्यालयों में हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने हेतु अनुरोध किया।

श्रीमती सुजाता कुमारी एम., व. हिंदी अनुवादक, आईज़ेक ने धन्‍यवाद ज्ञापन किया। श्रीमती लक्ष्मी देवी, हिंदी अनुवादक, आईज़ेक ने सुचारु रुप से मंच संचालन किया।


संसदीय राजभाषा समिति की आलेख एवं साक्ष्य उप-समिति द्वारा विचार-विमर्श कार्यक्रम - 2017

• संसदीय राजभाषा समिति की आलेख एवं साक्ष्य उप समिति, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 02.09.2017 से 05.09.2017 के दौरान बेंगलूरु स्थित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (कार्यालय-1) के अध्यक्ष (उपक्रम तथा केंद्रीय सरकारी) एवं अन्य 9 सदस्य कार्यालयों के साथ विचार-विमर्श कार्यक्रम का आयोजन होटल लि-मेरिडियन में किया गया।

• इस दौरान डॉ. सत्यनारायण जटिया, उपाध्यक्ष द्वारा नराकास (का.-1) के लिए बनाई गई विशेष वेबसाइट तथा दैनंदिन कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देने की दृष्टि से नराकास (का.-1) के सभी सदस्य कार्यालयों के लिए तैयार की गई संक्षिप्त नेमी टिप्पणियों की एक लघु पुस्तिका, का विमोचन किया गया।