TOLIC - (O-1)
यू.आर.राव उपग्रह केंद्र, बेंगलूरु
"नराकास" का गठन
राजभाषा विभाग के दिनांक 22.11.1976 के का.ज्ञा.सं-1/14011/12/76-रा.भा. (का-1) के अनुसार देश के उन सभी नगरों में जहां केंद्रीय सरकार के 10 या इससे अधिक कार्यालय हों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किया जा सकता है । समिति का गठन राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालयों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर भारत सरकार के सचिव(राजभाषा) की अनुमति से किया जाता है ।"नराकास" का उद्देश्य
केंद्रीय सरकार के देश भर में फैले हुए कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के मार्ग में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक संयुक्त मंच की आवश्यकता महसूस की गई ताकि वे मिल-बैठकर सभी कार्यालय/उपक्रम/बैंक आदि चर्चा कर सकें । फलतः नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के गठन का निर्णय लिया गया । इन समितियों के गठन का प्रमुख उद्देश्य केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करना इसे बढ़ावा देना और इसके मार्ग में आई कठिनाइयों को दूर करना है ।सदस्यता
सदस्य - सचिव
अध्यक्ष | सदस्य - सचिव | ||
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श्री एम. शंकरन |
श्रीमती अंजलि यलिस शन्कर |
श्री पट्टाभि रामन एन |
श्रीमती गीता प्रसाद |
निदेशक, यू.आर.राव उपग्रह केंद्र, बेंगलूरु |
नियंत्रक, यू.आर.राव उपग्रह केंद्र, बेंगलूरु |
वरिष्ठ प्रधान- का.सा.प्र., यू.आर.राव उपग्रह केंद्र, बेंगलूरु |
हिंदी अधिकारी, यू.आर.राव उपग्रह केंद्र, बेंगलूरु |
आईजेक में राजभाषा कार्यान्वयन
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के वर्ष 2017 की दूसरी बैठक इसरो उपग्रह केंद्र-आईज़ेक, बेंगलूरु के सतीश धवन सभागृह में दिनांक 19 दिसंबर 2017 को अपराह्न 2.30 बजे आयोजित की गई। डॉ. एम. अण्णादुरै, अध्यक्ष, नराकास (का-1) एवं निदेशक, इसरो उपग्रह केंद्र-आईज़ेक ने बैठक की अध्यक्षता की।
राजभाषा विभाग से श्री टेकचंद, उप निदेशक (कार्या), क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, श्री ईश्वरचन्द्र मिश्र, सहायक निदेशक, केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो एवं श्री राजेंद्र कुमार शर्मा, सहायक निदेशक, हिंदी शिक्षण योजना भी बैठक में उपस्थित रहे।
श्रीमती नलिनी प्रकाश एम.एस., हिंदी अनुवादक ने ईश वंदना प्रस्तुत की। तदनंतर श्री मनोहर एल. वाणियर, वरिष्ठ प्रधान, कार्मिक व सामान्य प्रशासन, आईज़ेक ने मंचासीन अधिकारियों के साथ-साथ सभागार में उपस्थित कार्यालय प्रधानों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया और साथ ही उन्होंने अपने स्वागत भाषण में, संसदीय राजभाषा समिति की आलेख एवं उप साक्ष्य समिति द्वारा दिए गए सुझावों पर प्रकाश डाला तथा नराकास के सभी सदस्य कार्यालयों के प्रधानों की बैठक में उपस्थिति की अनिवार्यता के बारे में भी बताया।
बैठक में सदस्य कार्यालयों के 97 कार्यालय प्रधान, प्रशासनिक प्रधान, राजभाषा अधिकारी एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
श्री ईश्वरचन्द्र मिश्र, सहायक निदेशक, केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो ने इसरो में राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में प्रगामी प्रयासों की सराहना की। तदनंतर उन्होंने ब्यूरो की तरफ से आयोजित किए जाने वाले विभिन्न अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विवरण देते हुए बताया कि सभी कार्यालय अपने यहां कार्यरत अनुवादक एवं राजभाषा के कार्य से जुड़े पदाधिकारियों को केंद्रीय अनुवाद ब्यैरो के प्रशिक्षण में नामित करे.
श्री राजेंद्र कुमार शर्मा, सहायक निदेशक, हिन्दी शिक्षण योजना ने केन्द्रीय सदन, कोरमंगला में चल रही नियमित हिन्दी कक्षाओं की जानकारी दी। उन्होंने कार्यालय प्रधानों से विभिन्न हिंदी प्रशिक्षण कक्षाओं में कर्मचारियों को नामित करने का अनुरोध किया।
श्रीमती गीता प्रसाद, सदस्य सचिव एवं हिंदी अधिकारी, आईज़ेक ने मंचासीन गणमान्यों एवं सभा में उपस्थित सभी पदाधिकारियों का अभिनंदन किया। तत्पशचात् उन्होंने अध्यक्ष नराकास (का-1) की अनुमति से बैठक की कार्यवाही शुरु की। इसके उपरान्त कार्यसूची पर चर्चा आरंभ हुई। तदनंतर, सदस्य सचिव ने नराकास (का-1) की गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत किया।
श्री टेकचंद, उप-निदेशक(कार्या), क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय ने राजभाषा कार्यान्वयन से संबंधित तिमाही आँकडो पर गौर किया और विभिन्न मदों जैसे धारा 3(3), नियम 5, पत्राचार, कोड और मैन्युअल आदि पर विस्तार से चर्चा की।
साथ ही उन्होंने सभी सदस्य कार्यालयों से आग्रह किया कि नराकास (का-1) के तत्वावधान में हिंदी कार्यान्वयन के उत्तरोत्तर प्रगति हेतु सभी का सहयोग वांछनीय है।
डॉ. ए.के. शर्मा, नियंत्रक, आईज़ेक ने सभा में उपस्थित सभी पदाधिकारियों से अपील किया कि हिंदी के प्रचार-प्रसार को केवल लक्ष्य प्राप्त करने तक ही सीमित न रखते हुए उसे दैनिक काम-काज एवं बोलचाल में सहज रुप से उसका प्रयोग करें, जिससे स्वतः हिंदी का प्रचार-प्रसार होगा। इससे लोगों में हिंदी के प्रति जागरुकता बढ़ेगी और लोगों में हिंदी के प्रति झिझक दूर होगी।
साथ ही उन्होंने सभी सदस्य कार्यालयों से आग्रह किया कि नराकास (का-1) के तत्वावधान में हिंदी कार्यान्वयन के उत्तरोत्तर प्रगति हेतु सभी का सहयोग वांछनीय है।
डॉ. ए.के. शर्मा, नियंत्रक, आईज़ेक ने सभा में उपस्थित सभी पदाधिकारियों से अपील किया कि हिंदी के प्रचार-प्रसार को केवल लक्ष्य प्राप्त करने तक ही सीमित न रखते हुए उसे दैनिक काम-काज एवं बोलचाल में सहज रुप से उसका प्रयोग करें, जिससे स्वतः हिंदी का प्रचार-प्रसार होगा। इससे लोगों में हिंदी के प्रति जागरुकता बढ़ेगी और लोगों में हिंदी के प्रति झिझक दूर होगी।
डॉ एम.अण्णादुरै, अध्यक्ष, नराकास ने वर्ष 2018 के नगर राजभाषा कार्यान्यवन समिति (का-1) के केलैन्डर का विमोचन किया तथा उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नराकास (का-1) के तत्वावधान में एक विशेष वेवसाइट बनाया गया है। साथ ही दैनिक कामकाज में प्रयोग किए जाने वाले संक्षिप्त नेमी टिप्पणियों की एक पुस्तिका भी तैयार की गई है, इसे सभी सदस्य कार्यालयों को दिया जा रहा है। अतः इस संबंध में उन्होंने सभी कार्यालयों प्रधानों से अनुरोध किया कि हिंदी के प्रचार प्रसार को बढावा देने हेतु, अपने कार्यालय के दैनिक कामकाज में हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करें एवं नराकास (का-1) के तत्वावधान में नए नए कार्यक्रमों का आयोजन करें और नराकास की प्रत्येक बैठक में कार्यालय प्रधान अवश्य भाग लें।
श्रीमती सीना राजेन्द्रन, वरिष्ठ हिंदी अधिकारी ने मंचासीन गणमान्यों एवं सभा में उपस्थित सभी पदाधिकारियों का आभार प्रकट किया। कुमारी अकांक्षा, सहायक, आईज़ेक ने पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन किया।
विश्व हिंदी दिवस
- केंद्र में 10 जनवरी 2018 को निदेशक, यू.आर.राव उपग्रह केंद्र एवं अध्यक्ष, नराकास (का.-1) बेंगलूरु की अध्यक्षता में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। इस दौरान सुश्री शांता बाई, प्रधान सचिव, कर्नाटक महिला हिंदी सेवा समिति, बेंगलूरु ने मुख्य अतिथि के रुप में समारोह की शोभा बढ़ाई और अपने कर-कमलों से नराकास (का.-1) के तत्वावधान में आयोजित संयुक्त हिंदी पखवाड़ा के विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किया।
- इस दौरान हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु वरिष्ठ प्रधान कार्मिक व सामान्य प्रशासन द्वारा हस्ताक्षरित एक परिपत्र भी जारी किया गया।
- हिंदी ई-पत्रिका झलक के आठवें अंक का विमोचन किया गया।
- अंतरिक्ष विभाग, बेंगलूरु द्वारा संयुक्त विश्व हिंदी दिवस समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में केंद्र के राजभाषा अधिकारी/कर्मचारियों ने भाग लिया।